Skip to main content

6 आदतें जो आपको बनाएंगी सुपर स्टूडेंट्स

एक सुपर स्टूडेंट बनाने की चाहत सभी विद्यार्थियों की होती है। यह जरूरी भी है क्योंकि सभी चाहते हैं की दुनिया उन्हें एक हीरो के जैसा देखे और उनके साथ हीरो के जैसा व्यवहार करे.
इस तेजी से बदलती दुनिया में आप जितनी जल्दी हो सके उतना जल्दी चीज़ों को समझना और सीखना चाहते हैं ताकि आप लगातार दुसरो के ऊपर बढ़त बनाये रख सकें, ख़ुशी की बात यह है कि ऐसा करने के लिए आपको जन्मजात प्रतिभसमपन्न होने की कोई आवश्यकता नहीं है.
बहुत सारे प्रतिभाशाली लोगों जैसे चार्ल्स डार्विन, रिचर्ड फिनमैन , लियोनार्डो द विन्सी इत्यादि लोगों ने यह स्वीकार किया है कि उनके पास जन्मजात प्रतिभा  जैसी कोई चीज नहीं थी.
हम सभी के पास ऐसी मानसिक क्षमता है कि हम जो चाहें सीख सकते हैं बशर्ते कि हमारा तरीका, हमारी तकनीक और हमारा प्रयास सही हो. सीखने का बेहतर तरीका हमारे सीखने के कार्य को आनंदप्रद बना दे सकता है. और ये बेहतर तरीके कोई जटिल प्रक्रिया नहीं हैं. ये आदत आपको बेहतर बना सकती हैं:
1 . सुपर स्टूडेंट्स बहुत पढ़ते हैं:
पढाई का दिमाग के लिए वही महत्व है जो व्यायाम का शरीर के लिए है. पढाई हमें देश, काल, इतिहास और विषय वस्तु  की गहराई को तलाशने और समझने का मौका देता है. साथ ही यह विभिन्न अवधारणाओं, संकल्पनाओं और ज्ञान की गहराई में उतरने का मौका भी देता है.
ज्यादातर अच्छे स्टूडेंट इसलिए नहीं पढ़ते कि उन्हें परीक्षा में अच्छा मार्क्स लाना है. वे इसलिए पढ़ते हैं कि उन्हें स्वयं को और बेहतर बनाना है.
सिर्फ कोर्स की किताबें ही नहीं अन्य विषय की किताबें भी सतत पढ़नी चाहिए. मसलन व्यक्तित्व निर्माण, सफल लोगों की जीवनी इत्यादि,
2. सुपर स्टूडेंट्स सीखने को एक प्रक्रिया समझते हैं :
सीखना ज्ञान को खोजने की एक प्रक्रिया है. यह कोई मंजिल नहीं की वहाँ पहुंचते ही यात्रा समाप्त हो गयी. यह एक आनंददायक और जीवनपर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया है. अपनी जिज्ञासा को जगाये रखना ही सफलता के रास्ते को तय करना है. अर्थात चलते रहो - चलना जीवन का नाम.
3 . सुपर स्टूडेंट्स विकास की मानसिकता रखते हैं:
सिर्फ पढ़ने और लिखना सीख लेने से ही आपको सफलता नहीं मिलेगी और आप सुपर स्टूडेंट नहीं बन जाओगे।  सुपर स्टूडेंट बनने के लिए आपको सीखना, भूलना और पुनः सीखने के लिए भी तत्पर रहना होगा.  तभी आप अपनी गलतियों की आदत को भूल सकोगे और नयी आदतों को सीख सकोगे.
4 . सुपर स्टूडेंट दूसरों को सिखाते हैं:
एक रिसर्च यह बताता है कि आप सीखी हुई चीजों का 90 % हिस्सा याद रख पाते हो जब आप उसी चीज को किसी दूसरे को सिखाते हो. अपनी याद्दाश्त शक्ति को बढ़ाने का इससे बेहतर तरीका और कोई नहीं हो सकता. दूसरों को सिखाने की अद्भुत क्षमता के कारण ही फिनमैन को ग्रेट एक्सप्लेनेर  की उपाधि से नवाजा गया था. आपके ज्ञान का अल्टीमेट टेस्ट यह है कि आपको उसे दुसरे को देने की क्षमता है या नहीं. इसलिए आप ज्यादा से ज्यादा दूसरों को सिखाने  की कोशिश करो.
5 . सुपर स्टूडेंट अपने मस्तिष्क का ख्याल रखते हैं :
आपका दिमाग तभी बेहतर काम करेगा जब यह स्वस्थ होगा. यह उचित खान पान के बिना संभव नहीं है. इसलिए अपने भोजन में फल दूध बादाम इत्यादि को नियमित रूप से और आवश्यक रूप से शामिल करें.
6 . सुपर स्टूडेंट ब्रेक लेते हैं:
एक अध्ययन में यह पाया गया है कि जो स्टूडेंट नियमित अंतराल पर छोटे छूटे ब्रेक लेते हैं उनके सीखने की क्षमता अन्य की तुलना में बहुत अधिक होती है. आपका एक सेशन 30 से 45 मिनट का ही होना चाहुये। उसके बाद 5 मिनट का ब्रेक आपके अगले सेशन को बहुत ही प्रभावकारी बना देगा.
Er S Mishra Classes, 1st Floor, Gopal Market, Naya Tola, Patna 4
#1 Institute for JEE/NEET/+2 Board Exams
Contact/Whatsapp: 0612 2973899

Comments

Popular posts from this blog

The First Class

पहले क्लास का,किसी भी संस्थान में, बहुत महत्व होता है. पहले दिन छात्र बहुत ही उत्साहित रहते हैं. और उत्सुक भी. वे अपने नए संस्थान , नए कोर्स , नए टीचर , नयी किताब इन सबों के बारे में जितना जल्दी हो सके जानना चाहते हैं. फिजिक्स क्लासेज के पहले क्लास में छात्र  विख्यात फिजिक्स गुरु ई० एस० मिश्रा सर से रूबरू होते हैं. परिचय के बाद शिक्षण विधि की व्याख्या होती है. जो छात्र किसी कारणवश यह क्लास नहीं कर पाए  वे इस ब्लॉग की मदद से उसकी जानकारी हासिल कर सकते हैं. क्लास में ये लेकर आयें : 1. एक अच्छा गत्ते वाला नोट बुक ( रजिस्टर) : इस का उपयोग सब्जेक्ट का नोट बनाने के लिए होता है. यह एक अच्छे क्वालिटी का नोट बुक होना चाहिए. गत्ते वाला इसलिए होना चाहिए कि यह दो तीन साल तक सुरक्षित रह सकता है . क्लास आते या जाते वक्त यदि बारिस इत्यादि का सामना हो जाये तो यह सुरक्षित रहेगा . इस नोट बुक में सर के द्वारा,क्लास के दौरान,  दी गयी सारी  महत्वपूर्ण जानकारियां  संग्रहित होंगी.  परीक्षा से कुछ दिन पहले इन्हीं का रिवीजन आपके लिए आवश्यक ह...

Mishra सर ने कहा - फिजिक्स माध्यम का मोहताज नहीं

हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और हमें गौरब है कि हम हिंदी में वे सारे काम कर सकते हैं जो इस मानव दुनिया में संभव है. तो क्या हम हिंदी माध्यम से भौतिकी यानी फिजिक्स का अध्ययन नहीं कर सकते? यह प्रश्न जब हमने Er S Mishra ,  जो भौतिकी के महागुरु कहलाते हैं तो वे मुस्कुराने लगे. कहने लगे विज्ञान भाषा का मोहताज़ नहीं है. यह तो समझने और समझाने की चीज है. आप किसी भी माध्यम से इसकी स्टडी कर सकते हैं. यह बात सही है कि उच्च शिक्षा में अनेक अच्छी पुस्तकें अंग्रेजी में ही उपलब्ध हैं. पर इंटर लेवल पर और ग्रेजुएशन लेवल पर तमाम अच्छे लेखकों की किताब हिंदी और अंग्रेजी दोनों में उपलब्ध है. आज अनेक छात्र तो हिंदी माध्यम से JEE और NEET देने लगे हैं और उसमे सफल भी होने लगे हैं. UPSC में तो हिंदी माध्यम का बोलबाला ही है. महज अज्ञानता के कारण हम अपनी भाषा को उपेक्षित कर रहे हैं. यद्यपि अच्छे शिक्षकों की कमी भी इसका एक कारण है. इसीलिए तो मैंने youtube पर एक चैनल शुरू किया है जिसमे मैं हिंदी माध्यम के  अपने क्लास का सीधा प्रसारण देता हूँ. कोई नही व्यक्ति उस चैनल पर जाकर इन क्लास को कर सकता है.इसका लिं...

Error Analysis

Significant Digits: चाहे किसी भी तरह का Measurement हो हमें न्यूमेरिकल वैल्यू प्राप्त करने के लिए एक scale का उपयोग करना पड़ता है. एक खास तरीके से हम स्केल को पढ़ते हैं, और जो Number मिलता है उसको हमलोग Reading या Measured Value के नाम से जानते हैं. इस Measured Value का आखिरी अंक (Digit) अनिश्चित (uncertain) होता है क्योंकि यह अनुमान पर आधारित होता है. अन्य सभी digit निश्चित (certain) होते हैं. इन दोनों तरह के digit को हम Significant Digit कहते हैं. इनकी संख्या अक्सर महत्वपूर्ण होती है और यह उपयोग किये गए Scale की Quality बताती है. किसी भी Measurement के लिए जितने अच्छे  Scale का उपयोग किया जायेगा Significant Digits की संख्या उतनी ही ज्यादा होगी. Counting Number of Significant Digits: सभी non zero अंक सिग्नीफिकेंट होते हैं.  ऐसे सभी जीरो जो दो नॉन जीरो के बीच आते हों वे सिग्नीफिकेंट होंगे.  अगर संख्या में दशमलव (decimal) का उपयोग किया गया हो तो आखिरी वाले जीरो सिग्नीफिकेंट होंगे अन्यथा नहीं होंगे.  पहले नॉन जीरो से पहले वाले जीरो सिग्नीफिकेंट नहीं होते हैं....

Followers