Skip to main content

Posts

Showing posts with the label LECTURE NOTES

Error Analysis

Significant Digits: चाहे किसी भी तरह का Measurement हो हमें न्यूमेरिकल वैल्यू प्राप्त करने के लिए एक scale का उपयोग करना पड़ता है. एक खास तरीके से हम स्केल को पढ़ते हैं, और जो Number मिलता है उसको हमलोग Reading या Measured Value के नाम से जानते हैं. इस Measured Value का आखिरी अंक (Digit) अनिश्चित (uncertain) होता है क्योंकि यह अनुमान पर आधारित होता है. अन्य सभी digit निश्चित (certain) होते हैं. इन दोनों तरह के digit को हम Significant Digit कहते हैं. इनकी संख्या अक्सर महत्वपूर्ण होती है और यह उपयोग किये गए Scale की Quality बताती है. किसी भी Measurement के लिए जितने अच्छे  Scale का उपयोग किया जायेगा Significant Digits की संख्या उतनी ही ज्यादा होगी. Counting Number of Significant Digits: सभी non zero अंक सिग्नीफिकेंट होते हैं.  ऐसे सभी जीरो जो दो नॉन जीरो के बीच आते हों वे सिग्नीफिकेंट होंगे.  अगर संख्या में दशमलव (decimal) का उपयोग किया गया हो तो आखिरी वाले जीरो सिग्नीफिकेंट होंगे अन्यथा नहीं होंगे.  पहले नॉन जीरो से पहले वाले जीरो सिग्नीफिकेंट नहीं होते हैं.  10 के पावर में लि

Dimensional Analysis

Dimension:  Dimensional Analysis फिजिक्स की एक ऐसी अवधारणा (Concept) है जिसका उपयोग  Base Quantity और Derived Quantity को सम्बंधित करने के लिए किया जाता है. इन दोनों के बीच सम्बन्ध को बताने के लिए सबसे पहले हम बेस क्वांटिटी को कुछ विशेष Symbol से निरूपित करते हैं. ये सिम्बॉल हैं: Length                              (L) Mass                                 (M) Time                                 (T) Temperature                     (Θ or K) Electric Current                (I or A) Luminous Intensity          (cd) Amount of Substance       (mol) अब हम Derived Quantities को इन सिम्बॉल की मदद से व्यक्त करते हैं. अपने व्यंजक (expression) को हमलोग ब्रैकेट में लिखते हैं और इसको डायमेंशनल फार्मूला (Dimensional Formula) कहते हैं. इस डायमेंशनल फार्मूला में बेस क्वांटिटी के ऊपर जो Power आता है उसको ही हमलोग डायमेंशन (Dimension) कहते हैं. Example: Area का डायमेंशनल फार्मूला है:$$\left[ {{L}^{2}} \right]$$ अब हम कह सकते हैं कि Area का डायमेंशन Length में 2 है. Laws of Dimensi

The First Class

पहले क्लास का,किसी भी संस्थान में, बहुत महत्व होता है. पहले दिन छात्र बहुत ही उत्साहित रहते हैं. और उत्सुक भी. वे अपने नए संस्थान , नए कोर्स , नए टीचर , नयी किताब इन सबों के बारे में जितना जल्दी हो सके जानना चाहते हैं. फिजिक्स क्लासेज के पहले क्लास में छात्र  विख्यात फिजिक्स गुरु ई० एस० मिश्रा सर से रूबरू होते हैं. परिचय के बाद शिक्षण विधि की व्याख्या होती है. जो छात्र किसी कारणवश यह क्लास नहीं कर पाए  वे इस ब्लॉग की मदद से उसकी जानकारी हासिल कर सकते हैं. क्लास में ये लेकर आयें : 1. एक अच्छा गत्ते वाला नोट बुक ( रजिस्टर) : इस का उपयोग सब्जेक्ट का नोट बनाने के लिए होता है. यह एक अच्छे क्वालिटी का नोट बुक होना चाहिए. गत्ते वाला इसलिए होना चाहिए कि यह दो तीन साल तक सुरक्षित रह सकता है . क्लास आते या जाते वक्त यदि बारिस इत्यादि का सामना हो जाये तो यह सुरक्षित रहेगा . इस नोट बुक में सर के द्वारा,क्लास के दौरान,  दी गयी सारी  महत्वपूर्ण जानकारियां  संग्रहित होंगी.  परीक्षा से कुछ दिन पहले इन्हीं का रिवीजन आपके लिए आवश्यक होगा.   2 . एक साधारण नोट बुक : इस नोटबुक का उपयोग क्लास

Measurement

PHYSICS विज्ञान की एक शाखा (branch) है जिसमे प्रकृति (nature) और प्रकृति से सम्बंधित घटनाओं का अध्ययन किया जाता है. परन्तु इस विज्ञान के अध्ययन का भी एक विशेष  तरीका है. इसका अध्ययन महज सूचनाओं का संग्रह नहीं है, अपितु सूचनाओं का वैज्ञानिक तरीके से विश्लेषण कर प्रकृति के नियमों को समझना है. इसलिए इस साइंस में हम घटनाओं, संकल्पनाओं इत्यादि को भौतिक राशियों   (Physical Quantities) की मदद से व्यक्त (describe) करते हैं. कोई भी ऐसी चीज जिसे एक संख्या (Number) और एक मात्रक (Unit) की मदद से व्यक्त किया जा सकता है, उसे भौतिक राशि (Physical Quantity) कहते हैं. किसी भौतिक राशि में संख्या और मात्रक को जोड़ने की प्रक्रिया मापन (Measurement) कहलाती है. गणितीय रूप से , M=NU   जहाँ,           'M' का अर्थ है Measurement 'N' का अर्थ है Number 'U' का अर्थ है Unit  Measurement के बारे में निम्न चीजों का ध्यान रखना चाहिए : एक ही Physical Quantity को अनेक अलग अलग Units में व्यक्त कर सकते हैं.  Unit के बदलने से सम्बंधित Number बदल जायेगा पर Measur

Followers