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कोटा में छात्र क्यूँ कर रहे आत्महत्या

आज सवेरे सवेरे एक दुखद समाचार मिला कि समस्तीपुर जिले की एक मासूम छात्रा ने ख़ुदकुशी कर ली. छात्रा कोटा में मेडिकल प्रवेश परीक्षा की कोचिंग करती थी.NEET के रिजल्ट कुछ ही दिन में आने वाले हैं. और छात्रा ने ऐसी दुःखद घटना को अंजाम दे दिया.  इस से पहले भी कोटा शहर में कई छात्रों की आत्महत्याओं की खबर आती रही हैं. कई लोग तो कोटा को आत्महत्या की नगरी भी कहने लगे हैं . बिना किसी शंका के यह कहा जा सकता है कि डिप्रेशन आत्महत्या का सबसे बड़ा कारण है . यह एक तरह की बिमारी है जो लगातार तनाव, दुश्चिंता ,  भविष्य की अनिश्चितता, अपनी दुर्बलता के ज्ञान, इत्यादि के कारण उत्पन्न होती  है. इस स्थिति में अक्सर व्यक्ति की  सोच बदल  जाती है. अक्सर वह सोचने लगता है कि यदि मैं अपने आप को समाप्त कर लूँ तो यह समस्या समाप्त हो जाएगी. उन्हें लगता है कि कोई उनके लिए चिंतित नहीं है. उनके रहने या न रहने से कोई फर्क नहीं पड़ता और वो ख़ुदकुशी जैसे कदम उठा लेते हैं.अन्य कई कारण भी हो सकते हैं.   पर कोटा जैसे शहर में रहने वाले छात्र इस डिप्रेशन के शिकार क्यों हो जाते हैं? आईये उसकी पड़ताल करते हैं: आशाओं का बोझ  क

क्यूँ हो गए फेल 70 % छात्र

The examinee is better than the examiner. ऐसा कभी लिखा गया था बिहार के एक नौजवान की कॉपी में. आज साइंस स्ट्रीम के 70 % छात्र फेल घोषित हुए इंटर परीक्षा के रिजल्ट में ! शिक्षा की अवस्था का यह न्यूनतम स्थान है या  अभी इसे और नीचे गिरना है ? आईये इसकी पड़ताल करते हैं फिजिक्स के एक नामचीन शिक्षक  ई ० एस ० मिश्रा के साथ.  इस तरह के आश्चर्यजनक रिजल्ट के पीछे क्या क्या कारण हो सकते हैं यह पूछने पर श्री मिश्रा ने निम्न कारण बताये: लक्ष्य की कमी : आज के समय की विडम्बना है कि छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को ही सही तरीके से नहीं पता कि पढाई करने से क्या मिलेगा. पढाई आज के जमाने में एक फैशन है. छात्रों के सामने एक स्पस्ट लक्ष्य नहीं है. कई बार मैं छात्रों से पूछता हूँ कि आपने इंटरमीडिएट में साइंस विषय क्यों लिया तो बहुत मजेदार उत्तर मिलते हैं. मसलन, किसी ने साइंस इसलिए लिया कि वो बैंकिंग की परीक्षा पास कर सके तो किसी ने साइंस इसलिए लिया कि वह एसएससी के सी जी एल की परीक्षा पास कर सके और कुछ ने तो इसलिए लिया कि भैया ने कहा और न जाने क्या क्या. ये सारे उत्तर निश्चित रूप से दिशाहीनता

Dimensional Analysis

Dimension:  Dimensional Analysis फिजिक्स की एक ऐसी अवधारणा (Concept) है जिसका उपयोग  Base Quantity और Derived Quantity को सम्बंधित करने के लिए किया जाता है. इन दोनों के बीच सम्बन्ध को बताने के लिए सबसे पहले हम बेस क्वांटिटी को कुछ विशेष Symbol से निरूपित करते हैं. ये सिम्बॉल हैं: Length                              (L) Mass                                 (M) Time                                 (T) Temperature                     (Θ or K) Electric Current                (I or A) Luminous Intensity          (cd) Amount of Substance       (mol) अब हम Derived Quantities को इन सिम्बॉल की मदद से व्यक्त करते हैं. अपने व्यंजक (expression) को हमलोग ब्रैकेट में लिखते हैं और इसको डायमेंशनल फार्मूला (Dimensional Formula) कहते हैं. इस डायमेंशनल फार्मूला में बेस क्वांटिटी के ऊपर जो Power आता है उसको ही हमलोग डायमेंशन (Dimension) कहते हैं. Example: Area का डायमेंशनल फार्मूला है:$$\left[ {{L}^{2}} \right]$$ अब हम कह सकते हैं कि Area का डायमेंशन Length में 2 है. Laws of Dimensi

The First Class

पहले क्लास का,किसी भी संस्थान में, बहुत महत्व होता है. पहले दिन छात्र बहुत ही उत्साहित रहते हैं. और उत्सुक भी. वे अपने नए संस्थान , नए कोर्स , नए टीचर , नयी किताब इन सबों के बारे में जितना जल्दी हो सके जानना चाहते हैं. फिजिक्स क्लासेज के पहले क्लास में छात्र  विख्यात फिजिक्स गुरु ई० एस० मिश्रा सर से रूबरू होते हैं. परिचय के बाद शिक्षण विधि की व्याख्या होती है. जो छात्र किसी कारणवश यह क्लास नहीं कर पाए  वे इस ब्लॉग की मदद से उसकी जानकारी हासिल कर सकते हैं. क्लास में ये लेकर आयें : 1. एक अच्छा गत्ते वाला नोट बुक ( रजिस्टर) : इस का उपयोग सब्जेक्ट का नोट बनाने के लिए होता है. यह एक अच्छे क्वालिटी का नोट बुक होना चाहिए. गत्ते वाला इसलिए होना चाहिए कि यह दो तीन साल तक सुरक्षित रह सकता है . क्लास आते या जाते वक्त यदि बारिस इत्यादि का सामना हो जाये तो यह सुरक्षित रहेगा . इस नोट बुक में सर के द्वारा,क्लास के दौरान,  दी गयी सारी  महत्वपूर्ण जानकारियां  संग्रहित होंगी.  परीक्षा से कुछ दिन पहले इन्हीं का रिवीजन आपके लिए आवश्यक होगा.   2 . एक साधारण नोट बुक : इस नोटबुक का उपयोग क्लास

Measurement

PHYSICS विज्ञान की एक शाखा (branch) है जिसमे प्रकृति (nature) और प्रकृति से सम्बंधित घटनाओं का अध्ययन किया जाता है. परन्तु इस विज्ञान के अध्ययन का भी एक विशेष  तरीका है. इसका अध्ययन महज सूचनाओं का संग्रह नहीं है, अपितु सूचनाओं का वैज्ञानिक तरीके से विश्लेषण कर प्रकृति के नियमों को समझना है. इसलिए इस साइंस में हम घटनाओं, संकल्पनाओं इत्यादि को भौतिक राशियों   (Physical Quantities) की मदद से व्यक्त (describe) करते हैं. कोई भी ऐसी चीज जिसे एक संख्या (Number) और एक मात्रक (Unit) की मदद से व्यक्त किया जा सकता है, उसे भौतिक राशि (Physical Quantity) कहते हैं. किसी भौतिक राशि में संख्या और मात्रक को जोड़ने की प्रक्रिया मापन (Measurement) कहलाती है. गणितीय रूप से , M=NU   जहाँ,           'M' का अर्थ है Measurement 'N' का अर्थ है Number 'U' का अर्थ है Unit  Measurement के बारे में निम्न चीजों का ध्यान रखना चाहिए : एक ही Physical Quantity को अनेक अलग अलग Units में व्यक्त कर सकते हैं.  Unit के बदलने से सम्बंधित Number बदल जायेगा पर Measur

Paper Analysis and Solution of JEE(Mains) 2017

JEE mains की ऑफलाइन परीक्षा इस वर्ष 2 अप्रैल 2017 को संपन्न हुई. इस  वर्ष परीक्षा में आये प्रश्नो के solution और प्रश्न-पत्र का विश्लेषण इस ब्लॉग का उद्देश्य है:

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