आज सवेरे सवेरे एक दुखद समाचार मिला कि समस्तीपुर जिले की एक मासूम छात्रा ने ख़ुदकुशी कर ली. छात्रा कोटा में मेडिकल प्रवेश परीक्षा की कोचिंग करती थी.NEET के रिजल्ट कुछ ही दिन में आने वाले हैं. और छात्रा ने ऐसी दुःखद घटना को अंजाम दे दिया. इस से पहले भी कोटा शहर में कई छात्रों की आत्महत्याओं की खबर आती रही हैं. कई लोग तो कोटा को आत्महत्या की नगरी भी कहने लगे हैं . बिना किसी शंका के यह कहा जा सकता है कि डिप्रेशन आत्महत्या का सबसे बड़ा कारण है . यह एक तरह की बिमारी है जो लगातार तनाव, दुश्चिंता , भविष्य की अनिश्चितता, अपनी दुर्बलता के ज्ञान, इत्यादि के कारण उत्पन्न होती है. इस स्थिति में अक्सर व्यक्ति की सोच बदल जाती है. अक्सर वह सोचने लगता है कि यदि मैं अपने आप को समाप्त कर लूँ तो यह समस्या समाप्त हो जाएगी. उन्हें लगता है कि कोई उनके लिए चिंतित नहीं है. उनके रहने या न रहने से कोई फर्क नहीं पड़ता और वो ख़ुदकुशी जैसे कदम उठा लेते हैं.अन्य कई कारण भी हो सकते हैं. पर कोटा जैसे शहर में रहने वाले छात्र इस डिप्रेशन के शिकार क्यों हो जाते हैं? आईये उसकी पड़ताल करते हैं: आशाओं का बोझ क
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